Monday, June 25, 2018

उनकर चीठी आई का

देखs मोर छन्हिया प कागा आ बिरावे
उनकर चीठी आई का?
देखs हो सइकिलिया प डाक-बाबू आवे
उनकर चीठी आई का?

आईत त तनी पूछतीं
कवन दुनिया में जा के घर तू बसsअवलs
हमरे जिनिगिया से रार तू बेसहलs
देखs हो, हिचिकिया रह-रह आवे
उनकर चीठी आई का?

आईत त तनी जनतीं
केकरा अचरवाँ में तोहार माथा जा बोराईल
हमरा से बढ़ के, केहू बा का गढ़ाइल
देखs हो छतिया मन हहरावे
उनकर चीठी आई का?

आईत त मन से कहतीं
असहीं का कागा उनको के बिरावेला
असहीं का डाक-बाबू उनको घरे आवे ला
देखs हो मन अहरह बतियावे
उनकर चीठी आई का?

(मृत्युंजय)
19.03.2018

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