अपने क़द से आधी ऊँचाईं का 
एक सफेद थैला
जिसमें अपनी मारी गयी
माँ और बहन के कुछ कपड़े ढोता
चार वर्ष की आयु का एक शिशु
रेगिस्तान में भटकता हुआ अकेला
मिला है 
मानवाधिकार के कुछ अधिकारियों को
अपने भूत से निर्मूल, भागकर 
भविष्य से निस्पृह, अनाम
सीरिया से निकला है
पता नहीं
किसकी तलाश में
इस तरह उसका बच जाना
क्या सही में भाग्यशाली होना है
या फिर
ये उस नर्क का पूर्वाभास है
जो उस शिशु को जीना होगा?

 
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