Sunday, March 9, 2014

ये जंगल है (It's Jungle)

आपस में लिपटे 
तरु, लता, जड़ें, वल्लरियाँ 
समन्वय की अनगिनत लड़ियाँ 
धूप, हवा, छाँव,
टूटे, टेढ़े, खड़े - जैसे भी हो पाँव 
सबमें निर्झर-सी बहती साझेदारी।
ये सभ्यता का नगर नहीं है
ये जंगल है,
यहाँ सब कुशल-मंगल है।



No comments:

Post a Comment