जब से उन्होंने चुन लिए पंथ-सम्प्रदाय,
मुक्ति के सारे बंद हुए उपाय;
अब तो सोचा है केवल पाप ही करेंगे,
ईश्वर तो वो ले गए,
बस हम-आप ही रहेंगे!.....
मुक्ति के सारे बंद हुए उपाय;
अब तो सोचा है केवल पाप ही करेंगे,
ईश्वर तो वो ले गए,
बस हम-आप ही रहेंगे!.....
-मृत्युंजय-
कोलकाता
१३.०१.२०१२
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